प्राकृतिक असंतुलन की वजह से विश्व को कई भयंकर महामारियों का सामना करना पड़ता है। बीते वर्ष गायों में अपना आतंक मचा चुकी खतरनाक बीमारी लंपी वायरस एक बार पुनः चर्चाओं में है।
मई के महीने में लंपी वायरस पुनः अपने पैर पसार सकता है। ICAR-NIVEDI ने 16 राज्यों में इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।
पशुपालकों और किसान भाइयों के लिए एक आवश्यक समाचार है। भारत में लंपी वायरस का खतरा एक बार फिर से दस्तक दे चुका है। गायों की बीमारी लंपी मई महीने में एक बार पुनः अपने पैर पसार सकती है।
इसको लेकर 16 राज्यों में अलर्ट भी जारी किया गया है। इस बीमारी से विगत वर्ष भारत में पशुधन को काफी हानि पहुँची थी। कम समयावधि में ही इस बीमारी से सैकड़ों गायों की मृत्यु हो गई थी।
लंपी वायरस पूरे भारतभर में कहर मचा चुका है
बतादें, कि अन्य दूसरे देशों से आई ये बीमारी भारतभर के बहुत सारे राज्यों में अपना असर दिखा चुकी है। इस बीमारी के फैलने की प्रमुख वजह मच्छर और मक्खी हैं।
वहीं, अब एक बार पुनः इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में पशुपालकों और कृषकों को सावधान रहने आवश्यकता है।
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बतादें, कि ICAR-NIVEDI की ओर से ये अलर्ट जारी किया गया है.राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान संस्थान (NIVEDI) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत एक प्रमुख संस्थान है, जो पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए समर्पित है।
जानिए किन राज्यों में लंपी का अलर्ट जारी है ?
NIVEDI संस्थान ने 16 राज्यों के 61 शहरों में लंपी के फैलने की चेतावनी दी है। इसमें सर्वाधिक कर्नाटक राज्य के 10 और उत्तराखंड राज्य के नौ शहर शामिल हैं। साथ ही, झारखंड के नौ शहर भी इसमें शुमार हैं।
इसके साथ ही असम के सात, केरल छह, गुजरात के चार शहर शम्मिलित हैं। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान भी इस सूची में शामिल हैं।
लंपी वायरस किस प्रकार से फैलता है ?
लंपी वायरस जिसको ज्यादातर लोग डेंगू बुखार के तोर पर भी जानते हैं, जो कि मच्छरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी काफी गंभीर हो सकती है। वैक्सीन के साथ ही बॉयो सिक्योरिटी अपनाकर इस बीमारी से आसानी से लड़ा जा सकता है।
लंपी वायरस से बचने के लिए किन बातों का रखें विशेष ध्यान
गायों की मच्छरों के प्रति विशेष सावधानी
गायों को मच्छरों से बचाने के लिए, उनको वक्त-वक्त पर मच्छर और मच्छर के काटने से बचाने के उपाय अपनाने चाहिए। इसके लिए गायों के आसपास जल जमाव और मच्छरों के लार्वा को नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक होता है।
गायों का लंपी वायरस से संरक्षण हेतु टीकाकरण
गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए वैक्सीनेशन कराना एक अहम उपाय है। यह वैक्सीन उपलब्ध होती है और गायों को लंपी बुखार के विरुद्ध संवेदनशील करती है।
अंगदान की स्थिति की जांच बेहद जरूरी
गायों की अंगदान की हालत की नियमित रूप से जांच करनी बेहद जरूरी है। अंगदान में किसी भी अनियमितता या संकेत के लिए तुरंत वेटरनरी सलाह लेनी चाहिए।
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साफ-सफाई: गायों के आसपास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। स्थानीय विकासताओं को नियमित तोर पर साफ किया जाना चाहिए, ताकि मच्छरों का प्रकोप कम हो सके।
लंपी वायरस संक्रमण के क्या-क्या लक्षण हैं ?
गाय का अचानक बुखार एक संभावित लक्षण हो सकता है। वहीं, गाय को असामान्य थकावट का अनुभव हो सकता है। अक्सर गाय अनुचित पानी पीती हैं या पानी का अधिक प्रयोग करती हैं।
गायों का खाना कम कर देना या उनका अपेटाइट कम हो जाना भी इसका एक प्रमुख लक्षण है। इसके अलावा गायों में अनियमितता और असामान्य थकान की समस्या हो सकती है।
यदि आपकी गाय में ऐसे किसी भी लक्षण का पता चल रहा है, तो तुरंत वेटरनरी की सलाह लेनी चाहिए, ताकि सही उपचार की शुरुआत की जा सके।